1 |
آموزش سازمان بنادر و دريانوردي |
تلفن - محل کار: 84932625
دورنگار:
آدرس : ونك-بزرگراه شهيد حقاني-خ ديدار جنوبي-ساختمان شماره 2 سازمان-طبقه 1 |
Web Site : |
|
2 |
موسسه آموزشي كشتيراني ج.ا.ا-تهران |
تلفن - محل کار: 88844062
دورنگار: 88307617
آدرس : تهران خيابان قائم مقام فراهاني - شماره 115 |
Web Site : |
|
3 |
شركت ملي نفتكش ايران-تهران |
تلفن - محل کار: 23802235
دورنگار: 22013405
آدرس : تهران-بزرگراه آفريقا-خيابان شهيد عاطفي- شماره 67و88 |
Web Site : |
|
4 |
شركت كيش رو آبي - تهران |
تلفن - محل کار: 021 44412686
دورنگار: 021 44417674
آدرس : تهران- جنت آباد -خ چهارباغ شرقي-شانزده متري شمالي - بن بست لاله -پلاك 4 |
Web Site : |
|
5 |
موسسه آموزشي كشتيراني درياي دور- تهران |
تلفن - محل کار: 02166948254
دورنگار: 02166948254
آدرس : تهران- ميدان جمهوري به سمت نواب صفوي- كوچه عبداله زاده پلاك 41 |
Web Site : |
|
6 |
شركت كشتيراني والفجر |
تلفن - محل کار: 88847256
دورنگار: 88822014
آدرس : تهران-خ قائم مقام-نبش كوچه شبنم |
Web Site : |
|
7 |
مركز آموزش هتلداري، مهمانداري و خدمات جهانگردي ماربين |
تلفن - محل کار: 9-88824095
دورنگار: 88301572
آدرس : تهران-م هفت تير-خ شهيد لطيفي-شماره 21 |
Web Site : |
|
8 |
دانشكده علوم دريايي محمودآباد(دانشگاه صنعت نفت) |
تلفن - محل کار: 01227740125
دورنگار: 01227748195
آدرس : محمودآباد-ابتداي بلوار ورودي شهر |
Web Site : |
|
9 |
مركز آموزش تخصصهاي دريايي شركت ملي نفتكش ايران- محمود آباد |
تلفن - محل کار: 50-01227749640
دورنگار: 012277426717
آدرس : محمودآباد كد پستي 163-46315 |
Web Site : |
|
10 |
موسسه آموزشي دريامجد |
تلفن - محل کار: 01913223100
دورنگار: 01913223100
آدرس : نوشهر-خ شهيد سلطان محمدي-جنب مصلي |
Web Site : |
|
11 |
موسسه آموزش كشتيراني درياي دور-بوشهر |
تلفن - محل کار: 07715552949
دورنگار: 07713550629
آدرس : بوشهر-خيابان مطهري-كوچه عرفان 13- انتهاي كوچه |
Web Site : |
|
12 |
دانشگاه علوم دريايي امام خميني(ره) -نوشهر |
تلفن - محل کار: 5-01913232021
دورنگار: 01913230005
آدرس : نوشهر- خ شهيد سلطان محمدي - جنب مصلي |
Web Site : |
|
13 |
شركت فني و مهندسي بازرگاني دماوند |
تلفن - محل کار: 01125232510
دورنگار: 01125232511
آدرس : بابلسر-خ شريعتي-ميدان شيلات |
Web Site : |
|
14 |
شركت فني و مهندسي بحر گستران گلستان |
تلفن - محل کار: 09112738074
دورنگار: 01713355358
آدرس : گرگان - كوي گلها-گلبرگ 6-مجتمع مسكوني ايران-واحد دوم شمالي |
Web Site : |
|
15 |
شركت مهرورزان طليعه راه دريا |
تلفن - محل کار: 01227743787
دورنگار: 55-012277453
آدرس : محمودآباد-خ امام-كوي شهيد آخوندي-انتهاي كوچه بهار-سمت راست |
Web Site : |
|
16 |
اداره آموزش شهيد رجايي |
تلفن - محل کار: 07615111332
دورنگار:
آدرس : بندر شهيد رجايي-جاده اسكله |
Web Site : |
|
17 |
شركت احسان بندر طلايي-سيريك |
تلفن - محل کار: 07663622358
دورنگار:
آدرس : سيريك-فلكه سكان-بلوار معلم-پشت بانك ملي-ابتداي كوچه لاله |
Web Site : |
|
18 |
شركت احسان بندر طلايي-پل |
تلفن - محل کار: 07332520192113
دورنگار:
آدرس : بندر پل -پل شرقي-خ دهداري جنب مسجد نور |
Web Site : |
|
19 |
شركت آبران دانش - بندر عباس |
تلفن - محل کار: 07612230516
دورنگار: 07612245652
آدرس : بندر عباس-بالاتر از سه راه دلگشا-طبقه فوقاني رستوران سجاد |
Web Site : |
|
20 |
دانشكده علوم و فنون شناوري جوادالائمه (ع)-نيروي دريايي سپاه( ندسا)-شهرستان چالوس |
تلفن - محل کار: 01912225812
دورنگار: 01912226206
آدرس : چالوس-ميدان معلم-دانشكده علوم و فنون شناوري جوادالائمه (ع)-نيروي دريايي سپاه-معاونت آموزش |
Web Site : |
|
21 |
شركت آبران دانش - چارك |
تلفن - محل کار: 07644222387
دورنگار:
آدرس : چارك- ميدان دلفين-خ فرهنگيان-جنب لوازم التحرير والفجر |
Web Site : |
|
22 |
شركت آبران دانش - درگهان |
تلفن - محل کار:
دورنگار:
آدرس : درگهان - حد فاصل پارك و بازار -روبروي مسجد امام شافعي-پشت خياطي ابوبكر |
Web Site : |
|
23 |
شركت به نگر بندر |
تلفن - محل کار: 07612242971
دورنگار:
آدرس : بندر عباس-خيابان 17 شهريور شمالي-كوچه بهمن-شماره 4 |
Web Site : |
|
24 |
شركت به نگر بندر-ميناب |
تلفن - محل کار: 07652223777
دورنگار:
آدرس : ميناب -جوباريكو-بلوار وليعصر-جنب تعاوني 13-كوچه آموزش راهنمايي و رانندگي ياسين |
Web Site : |
|
25 |
شركت به نگر بندر-قشم |
تلفن - محل کار: 07635229108
دورنگار:
آدرس : قشم-سه راه مخابرات-خ آيت ا... غفاري-پشت ساختمان خوشرو |
Web Site : |
|
26 |
مركز آموزش شركت پايانه هاي نفتي ايران |
تلفن - محل کار: 07722824013/07722822670
دورنگار: 07722824013
آدرس : جزيره خارك-شركت پايانه هاي نفتي ايران |
Web Site : |
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27 |
شركت آريا دريا -بندر لنگه |
تلفن - محل کار: 07622241771
دورنگار: 07622240510
آدرس : بندر لنگه-بلوار صدف-جنب درمانگاه شهيد باهنر |
Web Site : |
|
28 |
شركت آريا دريا - پارسيان |
تلفن - محل کار: 07644622633
دورنگار:
آدرس : پارسيان- خ مخابرات-جنب مخابرات |
Web Site : |
|
29 |
شركت علوم هادي دريا |
تلفن - محل کار: 07615550708/07615555887
دورنگار:
آدرس : بندر عباس-بلوار پاسداران-سه راه هتل هما-جنب دبيرستان دخترانه شاهد |
Web Site : |
|
30 |
شركت امين كيمياي دريا |
تلفن - محل کار: 07615424961
دورنگار:
آدرس : بندرعباس-بلوار پاسداران-سورو- خ جهانگردي-روبروي منازل سازماني مخابرات-جنب مهد كودك ياسمن |
Web Site : |
|
31 |
شركت دريا ملوان جنوب- مركز بندر عباس |
تلفن - محل کار: 07612222806
دورنگار: 07612222806
آدرس : |
Web Site : |
|
32 |
شركت دريا ملوان جنوب- بندر كنگ |
تلفن - محل کار: 076223331061
دورنگار: 076222224235
آدرس : كنگ-ورودي بندر كنگ-بلوار معلم-بالاي دفتر بازرگاني كرچي |
Web Site : |
|
33 |
شركت خليج پارس ياسان |
تلفن - محل کار: 07615425089
دورنگار: 07615425089
آدرس : بندرعباس-بلوار پاسداران-خ تقوايي-خ گوهران-نبش سبلان 6 |
Web Site : |
|
34 |
موسسه آموزشي كشتيراني درياي دور- آبادان |
تلفن - محل کار: 06314435395
دورنگار: 06314428137
آدرس : آبادان- كوي قدس-خيابان بهار 8-پلاك 13 |
Web Site : |
|
35 |
شركت توان درياي خرمشهر |
تلفن - محل کار: 06314421560
دورنگار: 06314434558
آدرس : آبادان-لين يك احمد آباد-جنب موتورفروشي درخشان |
Web Site : |
|
36 |
شركت اتحاد خوشبين - ماهشهر |
تلفن - محل کار: 06522332252
دورنگار: 06522332252
آدرس : ماهشهر-بلوار طالقاني-خ شهيد مجدم-نبش چهارراه چهرم-پلاك20 |
Web Site : |
|
37 |
شركت اتحاد خوشبين -هنديجان |
تلفن - محل کار: 06524223361
دورنگار: 06524223361
آدرس : هنديجان-خ امام خميني-روبروي پارك 18 فروردين |
Web Site : |
|
38 |
شركت آبادان دريا |
تلفن - محل کار: 06312224320
دورنگار: 06312228358
آدرس : آبادان- خ اميري-فرعي 8-كوچه بستني-پلاك 189 |
Web Site : |
|
39 |
شركت زاگرس درياي آبادان |
تلفن - محل کار: 06322723066
دورنگار: 06322723066
آدرس : اروندكنار-مابين نهر و حدوقصر-بلوار 45 متري |
Web Site : |
|
40 |
شركت سراج دريا |
تلفن - محل کار: 06314464287
دورنگار:
آدرس : آبادان-فلكه 1 ايستگاه 12 -پشت ايستگاه تاكسيهاي خرمشهر-دبيرستان سعادت-پلاك17 |
Web Site : |
|
41 |
شركت دريا پيماي گناوه-شعبه سربندر |
تلفن - محل کار: 06324222042
دورنگار:
آدرس : بندر امام خميني |
Web Site : |
|
42 |
شركت كيش رو آبي-خرمشهر |
تلفن - محل کار: 06324222042
دورنگار: 44417674
آدرس : خرمشهر-چهل متري، نبش كوچه شاهد |
Web Site : |
|
43 |
اداره آموزش بندر خرمشهر |
تلفن - محل کار: 063242076842
دورنگار:
آدرس : خرمشهر-ميدان شهيد موسوي--اداره بندر خرمشهر |
Web Site : |
|
44 |
موسسه آموزشي دريافر نوين خليج فارس-مركز بوشهر |
تلفن - محل کار: 07713533655
دورنگار: 07713532713
آدرس : بوشهر-ميدان امام خميني-خ مطهري-روبروي رستوران نخلستان |
Web Site : |
|
45 |
موسسه آموزشي دريافر نوين خليج فارس-شعبه دير |
تلفن - محل کار: 07728222730
دورنگار:
آدرس : دير-خ صدا و سيما- روبروي كتابخانه عمومي |
Web Site : |
|
46 |
موسسه آموزشي كشتيراني ج.ا.ا- بوشهر |
تلفن - محل کار: 07712524197/07712523649
دورنگار:
آدرس : بوشهر خ رئيسعلي دلواري |
Web Site : |
|
47 |
شركت دريا پيماي گناوه-گناوه |
تلفن - محل کار: 07723223513
دورنگار:
آدرس : گناوه-خ امام -كوچه توحيد پلاك 5 |
Web Site : |
|
48 |
شركت دريا پيماي گناوه-شعبه دلوار |
تلفن - محل کار: 07725622627
دورنگار:
آدرس : دلوار- خ مركزي- كوچه بعد از بانك ملت -جنب نانوايي |
Web Site : |
|
49 |
شركت دريا پيماي گناوه-شعبه ديلم |
تلفن - محل کار: 07724220772
دورنگار:
آدرس : ديلم-خ پاسداران-روبروي بانك كشاورزي-طبقه فوقاني- مغازه فاطمي |
Web Site : |
|
50 |
دانشگاه آزاد اسلامي خارك |
تلفن - محل کار: 0722822847
دورنگار:
آدرس : خارك-دانشگاه آزاد اسلامي |
Web Site : |
|
51 |
شركت دريا راد-كنگان |
تلفن - محل کار: 07727228176/07727226842
دورنگار:
آدرس : كنگان-خ وحدت-روبروي عكاسي كرمي |
Web Site : |
|
52 |
شركت دريا راد-عامري |
تلفن - محل کار:
دورنگار:
آدرس : بندر عامري-روبروي مدرسه راهنمايي دخترانه حضرت مريم-درب اول سمت راست |
Web Site : |
|
53 |
موسسه آموزشي كران پيماي خليج فارس |
تلفن - محل کار: 07713532722
دورنگار:
آدرس : بوشهر-ميدان امام-ابتداي خيابان فرودگاه-روبروي بنياد شهيد |
Web Site : |
|
54 |
شركت شهاب خليج فارس |
تلفن - محل کار: 07715561100/07713530845
دورنگار:
آدرس : بوشهر-خ شهيد بهشتي-روبروي درمانگاه معراج |
Web Site : |
|
55 |
شركت كيش رو آبي-بندر عباس |
تلفن - محل کار: 07615562450
دورنگار:
آدرس : بندر عباس- اميرآباد-خيابان عمار- نبش كوچه فرزانگان 4 - پلاك 2 |
Web Site : |
|
56 |
شركت تاج درياي گناوه |
تلفن - محل کار: 0772322129
دورنگار: 07723222129
آدرس : گناوه-ابتداي بلوار شهدا-روبروي پمپ بنزين |
Web Site : |
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57 |
شركت پارسيان فناوران عسلويه |
تلفن - محل کار: 07727263371
دورنگار: 07727263831
آدرس : عسلويه-خ ساحلي-ساختمان صدف |
Web Site : |
|
58 |
شركت خزرآموز بندر |
تلفن - محل کار: 01813234431/01813223989
دورنگار: 01813234430
آدرس : بندر انزلي -غازيان-بلوار آيت ا... پيشوايي-پشت مجتمع مسكوني شهيد اسحاقي-جنب صيد گاه شيلات- |
Web Site : |
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59 |
شركت درياكوش |
تلفن - محل کار: 94-07727292293
دورنگار: 07727292297
آدرس : عسلويه- شيرينو- جنب پاسگاه ناجا-ساختمان درياكوش |
Web Site : |
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60 |
شركت جزيره سبز |
تلفن - محل کار: 07728226566
دورنگار: 07728224488
آدرس : بوشهر-دير -بلوار شهيد بهشتي |
Web Site : |
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61 |
دانشگاه دريانوردي و علوم دريايي چابهار |
تلفن - محل کار: 23-05452220020
دورنگار: 05452221025
آدرس : چابهار صندوق پستي 183-99715 |
Web Site : |
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62 |
+ نوشته شده در چهار شنبه 5 بهمن 1390برچسب:
,
ساعت 13:14 توسط امیر دریس
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+ نوشته شده در چهار شنبه 5 بهمن 1390برچسب:
,
ساعت 12:55 توسط امیر دریس
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+ نوشته شده در چهار شنبه 5 بهمن 1390برچسب:
,
ساعت 12:50 توسط امیر دریس
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نمونه سئوالات فرمانده بالاي 3000
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نمونه سئوالات افسر اول بالاي 3000
+ نوشته شده در چهار شنبه 5 بهمن 1390برچسب: , ساعت 12:43 توسط امیر دریس
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فرم درخواست صدور،تمديد،المثني گواهينامه
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+ نوشته شده در چهار شنبه 5 بهمن 1390برچسب: , ساعت 12:27 توسط امیر دریس
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Download
http://up4.iranblog.com/images/64340091124795641212.jpg
+ نوشته شده در دو شنبه 26 دی 1398برچسب: , ساعت 19:20 توسط امیر دریس
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ECHO SOUNDING
به نام آفریننده ی دانش
یک تکنیکی است که با استفاده از امواج صوتی به صورت پالس عمودی به سطح کف دریا یا کشتی غرق شده و یا به زیر دریایی برخورد کرده و دوباره به کف کشتی باز می گردد و اندازه سطح ازاد زیر کشتی را می دهد.
این سیستم به علت حادثه تایتانیک(١٩١٢) لازم الاجرا گردیده است.
سرعت این پالس حدود ١.۵ کیلومتر می باشد.این سیستم علاوه بر کشتی های بزرگ و کوچک در کشتی های ماهیگیری مورد استفاده قرار میگیرد.
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سیستم اطلاعات و نشان دهنده نقشه های الکترونیکی ECDIS
در قدیم و حتی امروزه دریانوردان با کمک نقشه های دریانوردی که با داشتن اطلاعاتی از قبیل طول و عرض جغرافیایی جهت حرکت ،عمق آب ، مکانهای خطرناک برای دریانوردی ، نشان دادن محلهای مناسب برای لنگراندازی ، ماهیگیری و ... به دریانوردی می پرداختند.
اما با آمدن سیستم جدید ECDIS دریانوردی ایمن تر و دقیق تر و راحتتر شده است. ECDIS یک فرم مخصوصی از سیستم اطلاعات دریانوردی پایه گذاری شده بر اساس کامپیوتر که مورد تایید سازمان جهانی دریانوردی (IMO) و کنوانسیون SOLAS است.
سیستم ECDIS متشکل از نقشه های دریانوردی که به صورت الکترونیکی درآمده اند است و اطلاعات موقعیت جغرافیایی کشتی ها و خشکی ها از سیستم های GPS ، RADR و AIS (که در پست قبلی توضیح داده شده است) گرفته شده است. در واقع هر منطقه دریایی با توجه مسیر حرکتی دارای یک CD می باشد که در آن تمام اطلاعات نقشه و منطقه به صورت الکترونیکی درآمده و در سیستم ECDIS بکار می رود.
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سیستم شناسایی اتوماتیک ( AIS )
سلام دوستان ، من برادر آقای پویا کوشنده هستم که برای اولین بار است که دارم وبلاگ می نویسم و می خواهم در رابطه با فناوری هایی که در کشتی های دریانوردی استفاده می شود صحبت کنم.
AIS (Automatic Identification System) یا سیستم شناسایی اتوماتیک :
امروزه این سیستم در تمامی کشتی ها و ایستگاه های ترافیکی شناورها استفاده می شود. به طور کلی این سیستم مشخصات و موقعیت شناورها را به ما می دهد.
این سیستم اطلاعاتی اعم از موقعیت جغرافیایی ، سزعت ، مسیر حرکتی ، نوع بار ، مقصد و ... نزدیکترین کشتی ها و ایستگاه های خدمات ترافیکی شناورها را می دهد.
کارایی این سیستم با کمک سیستم گیرنده و فرستنده (VHF ) همراه با یک سیستم دریانوردی الکترونیکی مانند GPS و دیگر وسایل سنسوری دریانوردی همانند JYRO COMPASS تکمیل می شود. سازمان جهانی دریانوردی (IMO ) در کنوانسیون بین المللی ایمنی زندگی در دریا (SOLAS ) اعلام کرده که سیستم AIS بایستی بر روی کشتی های با توناژ 300 تن و بیشتر از آن و تمام کشتی های مسافربری بدون محدودیت سایز نصب گردد.
کارایی های سیستم AIS :
- Collision Avoidance ( کم کردن خطر تصادف )
- Vessel Traffic Services ( خدمات ترافیکی شناورها )
- AIDS to Navigation ( کمک شایان به دریانوردی)
- Search and Rescue ( جستجو و رهایی )
- Binary Messages ( پیامهای جفتی و فرستادن پیامی همانند SMS به کشتی ها )
*( IMO (International Maritime Organisation
*( SOLAS ( Safety of Life at Sea
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+ نوشته شده در یک شنبه 25 دی 1390برچسب: , ساعت 19:39 توسط امیر دریس
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بسياري از ابزارهاي دريانوردي و نجوم توسط ايرانيان اختراع شده است.
كهنترين سند دريانوردي ايرانيان، مهري است كه در چغاميش خوزستان بدست آمده است. تاريخ تمدن ناحيه چغاميش به ششهزارسال پيش از ميلاد ميرسد. اين مهر گلين، يك كشتي را با سرنشينانش نشان ميدهد. در اين كشتي يك سردار پيروز ايراني، بازگشته از جنگ، نشسته، و اسيران زانوزده در جلوي او ديده ميشوند. در اين مهر يك گاو نر و يك پرچم هلالي شكل هم ديده ميشوند. نقشهاي برجسته پاسارگاد نمايانگر توانمندي دريايي ايرانيان و فرمانروايي ايشان بر هفتدرياست.
قطب نما
در مورد اختراع قطبنما روايتهاي زيادي وجود دارد. تني چند از دانشمندان آن را به چينيها و يا حتي ايتالياييها نسبت ميدهند. اما بيشتر دانشمندان متفقالقولند كه قطبنما به وسيله ايرانيان ساخته شده است. قطبنماي ايراني برخلاف قطبنماي چيني كه 24 جهت داشت، داراي 32 جهت بودهاست. عدد 32 علاوه بر نشاندادن دقت بيشتر قطبنماي ايراني، نمايانگر آشنايي ايرانيان با اعداد در مبناي 2 و دانش رياضي پيشرفته آنان است،كه خود بحث جداگانه و بسيار مفصلي را ميطلبد. در افسانههاي كهن ايراني آمده است كه اسفنديار رويين به هنگام حركت براي نبرد با اژدها از پيكاني آهنين سود ميجسته، كه همواره جهت ثابتي را به او نشان ميداده است. در دوران نخستين اسلامي، قبلهنما توسط ايرانيان به قطبنما افزوده شد تا همواره و در هر وضعيتي بتوان جهت درست قبله را پيدا نمود. ايرانيان از اين اختراع استفاده كامل نموده و آن را به ديگر مسلمانان شناساندند. نامهاي فارسي اجزاي قطبنما در زبان عربي شاهد تاريخي مسلمي است كه كاربرد قطبنما از طريق ايرانيان به دست ديگر ملتهاي مسلمان رسيده است.
سكان
اختراع فرمان كشتي (سكان - سوكان) از سوي تمامي دانشمندان، بدون استثنا، به ايرانيان نسبت داده شده است. در روايتها وداستانهاي ايراني چنين آمده است كه سندباد، ناخدا و دريانورد پرآوازه ايراني اهل بندر سيراف، سكان را اختراع كرده است. نامهاي نيز از معاويه، فرمانده نيروي دريايي مسلمانان در درياي مديترانه، به خليفه دوم بر جاي مانده كه در آن از مزاياي اين اختراع ايرانيان و برتري كشتيهاي ايراني داراي سكان به كشتيهاي رومي سخن گفته است. در اين نامه او از خليفه درخواست نموده كه كليه امور دريانوردي، كشتيراني و درياپويي به ايرانيان واگذار شود. ترجمه متن اين نامه در كتاب اسماعيل رايين، دريانوردي ايرانيان، آورده شده است.
ژرفناياب - عمق ياب
براي تعيين ژرفناي آب در دريا، به ويژه مناطق ساحلي درياي پارس و درياي مكران، ايرانيان ابزاري اختراع نموده و به كار ميبردند كه شباهت زيادي به شاقول بنايي داشته است. هرچند كه اختراع اين سوند باستاني به سندباد ناخداي پرآوازه ايراني نسبت داده شده است، اما اكتشافات اخير كشتيهاي غرق شده ايراني در درياي اژه، كه در يورش به يونان شركت داشتهاند، نشان ميدهد كه از دوران هخامنشيان، ايرانيان اين ابزار را شناخته و به كار ميبردند.
مسافت ياب
دريانوردان ايراني، از زمانهاي باستان، ابزارهايي براي پيمودن مسافتهاي دريايي به كار ميبردهاند.يكي از اين ابزارها ريسماني بوده كه به تدريج باز ميشده، كه پس از رسيدن به انتها، آن را ميپيچيدند و دوباره استفاده ميكردهاند.
رهنامهها
راهنامهها، نقشهها و نوشتههايي بودند كه در آنها كليه اطلاعات مربوط به دريانوردي ثبت و مستند شده بود. ايرانيان از روزگار باستان، مبتكر و صاحب رهنامههايي بودهاند و به كمك آنها دريانوردي و درياپويي ميكردهاند. رهنامههاي ايرانيان، اطلاعات و آگاهيهايي در مورد بنادر و جزاير، گاهشناسي و جهت يابي، جريانهاي دريايي، جريانهاي هوايي، ابزارهاي دريانوردي و ... را در بر داشتهاند. پس از اسلام، بسياري از رهنامههاي دوران ساساني به عربي ترجمه شد و دريانوردان دوران اسلامي، بهره فراواني از آنان برگرفتند.
پيل الكتريكي
در سال 1330 خورشيدي، باستان شناس آلماني ويلهلم كونيك و همكارانش در نزديكي تيسفون ابزارهايي از دوران اشكانيان را يافتند. پس از بررسي معلوم شد كه اين ابزارها پيلهاي الكتريكي هستند كه به دست ايرانيان در دوران اشكانيان ساخته شده و به كار برده ميشدهاند. او اين پيلهاي تيسفون را Baghdad Battery ناميد. جهت آگاهي بيشتر از اين پيل الكتريكي ميتوانيد به سايتهاي با موضوع Baghdad Battery در اينترنت مراجعه نماييد.
اكتشاف اين اختراع ايرانيان به اندازهاي تعجب و شگفتي جهانيان را بر انگيخت كه حتي برخي از دانشمندان اروپايي و امريكايي اين اختراع ايرانيان را به موجودات فضايي و ساكنان فراهوشمند سيارات ديگر كه با بشقابهاي پرنده و كشتيهاي فضايي به زمين آمده بودند، نسبت دادند، و آن را فراتر از دانش انديشمندان و پژوهشگران ايراني دانستند. براي ايشان پذيرفتني نبود كه ايرانيان 1500 سال پيش از گالواي ايتاليايي(1786 ميلادي) پيل الكتريكي را اختراع نموده باشند. (براي آگاهي بيشتر ميتوانيد به كتاب ارابه خدايان نوشته اريكفندنيكن مراجعه كنيد).
ايرانيان از اين پيلهاي الكتريكي جريان برق توليد ميكردند و از آن براي آبكاري اشيا زينتي سود ميجستند. اما در پهنه دريانوردي ايرانيان از اين اختراع جهت آبكاري ابزارهاي آهني در كشتي و جلوگيري از زنگ زدن و تخريب آنها استفاده ميكردند.
كشتيسازي
فرهنگ فني و مهندسي ايرانيان از ديدگاه دريانوردي و كشتيسازي بسيار غني و پربار است. آبهاي نيلگون درياي پارس، درياي مكران (عمان)، و اقيانوس هند، همچنين رودخانههاي جنوبغربي ايران، از ديرباز پهنه دريانوردي و درياپويي ايرانيان بوده است. در شاهنامه فردوسي، چندين بار، از كشتيسازي و كشتيراني ايرانيان، سخن رانده شده است. قدمت و پيشينه اين رشته از دانش و فن مهندسي ايرانيان را از سرودههاي فردوسي ميتوان دريافت. فردوسي از جمشيد، پادشاه پيشدادي، به عنوان نخستين انساني كه هنر غواصي و صنعت كشتيسازي و دريانوردي را به ديگران آموخت، نام برده است. ميتوان دريافت كه دانشمندان ايراني در دوره تابندگي نژاد آريا كه در شاهنامه فردوسي به نام دوره پادشاهي جمشيد نام برده شده است، موفق به اختراع كشتي و فنون دريانوردي و درياپويي شدهاند.
كشتيراني در آبهاي ايران از ديرباز انجام ميشده و با توجه به اين سنت دريانوردي، نياز به كشتيسازي و سودجستن از ابزارهاي دريانوردي در ايران وجود داشته است. نخستين كشتيهايي كه در رودخانههاي ميانرودان آمدوشد ميكردند، به شكلهاي گوناگون ساخته ميشدند و ابزار حركت دادن آنها پارو بوده است.
نبردناوهاي ايراني در زمان هخامنشيان، بزرگترين كشتيهاي جنگي زمان خود بودند كه سه رديف پارو زن و بادبان داشتند و با سرعت 80 ميل دريايي در روز حركت ميكردند. هر نبردناو شامل 200 جنگجو بود كه 30 نفر از آنها سربازان زبده فارسي، تكاور، بودهاند. نيروي دريايي ايران در زمان ساسانيان نيز، قدرت مطلق در درياي پارس و اقيانوس هند بوده كه زير بناي فرهنگ دريانوردي و درياپويي مسلمانان را تشكيل داد.
استرلاب
استرلاب astrolabe ، ابزاري بوده كه در جهان باستان براي تعيين وضعيت ستارگان نسبت به كره زمين به كار ميرفته است. استرلاب، در سه گونه استرلاب خطي، استرلاب صفحهاي و استرلاب كروي ساخته ميشده است. قطعات استرلاب نسبت به يكديگر حركت كرده و ميتوانستند جهت ستارگان، ارتفاع جغرافيايي آنها و فواصل نسبي را مشخص نمايند. استرلاب در دريانوردي، براي جهتيابي به كار ميرفته است. استرلابهاي ايراني از برنج و آلياژهاي ديگر مس ساخته ميشدهاند. هرچند پارهاي مورخان اختراع اوليه استرلاب را به يونانيان و فنيقيان نسبت ميدهند، اما سهم انديشورزان ايراني در اختراع انواع گوناگون استرلاب و تكامل و افزودن بخشهاي مختلف آن، انكارناپذير بوده و از سوي تمامي تاريخنگاران ثبت شده است.
نقشهبرداري
از دورانهاي پيشين در ايرانزمين كارهاي مهندسي با سودجستن از ابزارهاي مساحي و پياده كردن نقشه انجام ميگرفته است. نقشهبرداري از سواحل و تعيين مسيرهاي ايمن دريايي، به ويژه در نقاط كمعمق، از وظايف نيروي دريايي ايران بوده است.
ابزارهاي اندازهگيري
تراز (تئودوليت)
تراز شاهيني، كه نخستين نوع تئودوليت به شمار ميآيد توسط كرجي مخترع و دانشمند ايراني، اختراع شده است. اين دستگاه شامل صفحهاي مدرج بوده كه به وسيله زنجيري از ميلهاي آويزان ميشده است. با تعيين امداد افقي ميتوان مستقيم اختلاف ارتفاع بين دو نقطه را از روي درجهبندي آن تعيين نمود.
شاخص خورشيدي
پيشينه تعيين تغيير زمان از طريق اندازهگيري سايه آفتاب به زمان باستان برميگردد. در آغاز، شاخصهاي خورشيدي، ويژه اندازهگيري زمان و حركت خورشيد، از سايه ساختمانها و درختان تشكيل ميشده است. بهتدريج، با گذشت زمان از ابزارهايي كه به صورت شاخص قائم بر روي صفحهاي قرار داده ميشده ساخته شدند. شاخصهاي آفتابي معمولا ارتفاع خورشيد و عرض جغرافيايي روزانه را مشخص مينمودند. علاوه بر اين شاخصها شواهدي هم در دست است كه ايرانيان از ابزارهاي آفتابي ديگري براي مشخص نمودن طول جغرافيايي و جهت سود ميجستند. در دوران اسلامي، دريانوردان ايراني، براي مشخص نمودن جهت مكه، جهت انجام وظايف مذهبي روزانه، در هر نقطه شاخصهايي ساخته بودند. در اين ابزار يك شاخص آفتابي قائم نصب شده كه زمان را مشخص ميكرده و آنگاه با گرداندن آن ابزار در امتداد مدار، جهت مكه كاملا مشخص ميشده است.
ابزار نمايش و پردازش حركت سيارات
از جمله ابزارهايي بوده كه ريشههاي تاريخي آن را نياز به مطالعات ستاره شناسي و دريانوردي تشكيل ميدهد، اين ابزارها براي نمايش حركت سيارات، زمين و خورشيد و همچنين محاسبات زاويهاي و طولي به كار ميرفته است. اينكه ايرانيان، دستكم 1500 سال پيش از اروپاييان ميتوانستند طول جغرافيايي را، به ويژه در دريا، از نصفالنهار مبدا (نيمروز - سيستان) حساب كنند، از سوي بسياري از دانشمندان و تاريخنگاران پذيرفته شده است. اين محاسبات و پردازشهاي پيچيده، بدون سودجستن از ابزارهايي كه در مثلثات و محاسبات زاويهاي به كار ميرود، غيرممكن بوده است. يكي از اين ابزارها كه در لاتين اكواتوريوم، Equatorium، ناميده ميشود براي تعيين مدار خورشيد و سيارات به كار ميرفته است.
مواد نفتي
مواد نفتي به صورتهاي گوناگون در جهان باستان، ايران و ميانرودان، شناخته شده و به كار برده ميشده است. گذشته از استفادههاي سوختي و گرمائي كه از آغاز عمل شناخت قير و برداشتهاي متافيزيكي از آتش و آتشجاويدان بوده، در دانش و فناوري استفاده ميشده است. كاربرد آن به صورت عامل چسباننده، عايقبندي كننده و ملات بوده است. ايرانيان، كف كشتيها را قيراندود و نفوذ ناپذبر ميساختهاند.
استفاده از آتش در صنايع نظامي
كاربرد آتش در جنگ، براي سوزاندن كشتيها و تاسيسات دريايي دشمن، از دوران باستان معمول بوده است. در ارتش ايران، هم در نيروي زميني و هم در نيروي دريايي همواره گروهي به نام نفتانداز، نپتان يا نفات، با اونيفورم ويژه خود ماموريت پرتاب مواد قيري و نفتي را بر عهده داشتهاند.
سادهترين روش،پرتاب آتش با تير بوده است، اين روش سپس به صورت پرتاب ظرفي از آتش، نارنجك مانند، تكامل پيدا نمود. براي پرتاب ظرفهاي بزرگ از ابزارهاي مكانيكي، همچون منجنيق، سود ميجستند. نفت يا نپتا، كه در شاهنامه از آن تحت عنوان قاروره ياد شده است، تا مدتها جزو اسرار نظامي بود.
پروكوپيوس، Preoccupies، تاريخ نگار رومي در سده ششم ميلادي، از روغن مادها نام ميبرد و ميگويد كه ايرانيان، ظرفهايي از روغن مادها و گوگرد را پر كرده و آنها را آتش زده و به سوي دشمن پرتاب ميكنند. پروكوپيوس ميگويد كه اين ماده در روي آب شناور مانده و به محض تماس، كشتيهاي دشمن را به آتش ميكشيده است.
خشاب (چراغ دريايي)
از دورانهاي پيشين در درياي پارس ساختمانهايي ساخته بودند كه بر فراز آنها آتش افروخته ميشد. اين ساختمانها عمل برجدريايي و چراغدريايي را براي راهنمايي دريانوردان و همچنين خبررساني انجام ميدادند. فاصله اين چراغهاي دريايي چنان بوده كه باپديد شدن يكي، ديگري نمايان ميشده است.
برجهاي دريايي، با آتشي كه بر فراز آنها افروخته ميشد، به چند دليل ساخته ميشدند.
نخست آنكه، با بالا آمدن آب در زمينهاي كم عمق اين خطر وجود داشته كه كشتيها ندانسته به سوي آبهاي كم عمق رفته، به شن نشسته و نابود شوند.
دوم آنكه، با ديدن نور در تاريكي، كشتيها، در تاريكي شبانگاه و هواي ابري راه و جهت خود را بيابند.
سوم اينكه، در صورت يورش دزدان و غارتگران دريايي، به پادگانهاي زميني و رزمناوها خبر داده تا به سرعت جهت مقابله با آنها اقدام كنند.
دليل چهارم اين بوده است كه دريابانهاي مستقر در اين ساختمانها، پديدههاي هواشناختي و درياشناختي را ثبت ميكردهاند. دريانوردان تازهكار ايراني از اين اطلاعات براي رويارويي با رخدادهاي هوا و دريا، به ويژه رخدادهاي چرخهاي و دورهاي استفاده ميكردند.
چكيده نويسي
در دربار پادشاهان ايراني، گروهي از دبيران وظيفه داشتند كه گزارشهاي رسيده از اطراف كشور را كوتاهنوشته كرده به مقامات بالاتر ارائه دهند. در امر دريانوردي و كشتيراني هم نياز دريانوردان ايراني در به همراه داشتن چكيدهاي از سفرهاي پيشين ديگر درياپويان در مسيرهاي دريايي، باعث گسترش اين فن در ميان دريانوردان بوده است.
دوربين (تلسكوپ)
در تاريخ سلسله پادشاهي يوان در چين مندرج شده كه براي تاسيس رصدخانه پكن، به سرپرستي كوئوشوچينگ منجم دربار، تعدادي ابزارهاي رصدي از رصدخانه مراغه در ايران خريداري شده است. از جمله اين ابزارها ذات الحلق، عضاده (اليداد)، دو لوله رصد، صفحه اي با ساعتهاي مساوي، كره سماوي، كره زمين، توركتوم (نشان دهنده حركت استوا نسبت به افق) هستند. چينيان لوله رصد را وانگ-تونگ ناميدهاند. به گفته تاريخ سلسله پادشاهي يوان ايرانيان از اين اختراع نه تنها براي رصد اجرام آسماني، بلكه براي مشاهده دوردستها، به ويژه در دريا سود ميجستهاند.
پزشكي دريايي
در سفرهاي دريايي اكتشافي كه در زمان هخامنشيان انجام ميشد، همواره پزشكاني با كاروانهاي دريايي همراه بودند كه وظيفه مراقبتهاي بهداشتي دريانوردان را بر عهده داشتهاند. در دانشگاه جنديشاپور، دوره ساسانيان، هم بخشي به گردآوري اطلاعات در باره بيماريهاي دريانوردان و راههاي درمان آنها اختصاص داشته است.
اما نخستين كتابي كه در اين باره نوشته شد، بخشي از كتاب جامع ، فردوس الحكمه، است كه توسط عليبنربان تبري (تبرستاني)، پزشك ايراني، گردآوري و تاليف شده است. ربان تبرستاني، يك پزشك بود كه در طي سفرهاي فراوان دريايي خود اطلاعاتي در باره بيماريهاي دريانوردان و درمان آنها گردآوري نمود. او يادداشتهاي ارزشمند خود را براي پسرش علي به ميراث گذاشت. عليبنربان تبري نخستين كتاب جامع در پزشكي را نوشت كه بخشي از آن به بيماريهاي دريايي و درمان آنها اختصاص داشت. هم او بود كه در زمان اقامتش در شهر ري به آموزش پزشكي پرداخت و رازي پزشك نامدار ايراني و كاشف الكل، شاگرد او بوده و اصول علم طب را از وي فراگرفته بود.
ابوعليسينا هم در بخش پنجم كتاب قانون، بيماريهاي كل بدن، فصلي را به بيماريهاي دريايي اختصاص داده است. علي بن عباس اهوازي نيز در دايرهالمعارف طبي خود در سده چهارم هجري در اين خصوص مطالبي را ارائه داشته است.
ستارهشناسي
ايرانيان نيز همچون ديگر تمدنهاي باستاني از دانش ستارهشناسي در دريانوردي و درياپويي سود ميجستند. اين موضوع به اندازهاي گسترده و با اهميت است كه در آينده، به اميد خدا، اين مطلب در مقالهاي جداگانه ارائه خواهد شد.
واينها خود گوشه كوچكي هستند از خدمات ارزندهاي كه انديشمندان دريانورد ايراني به جهان علم و دانش ارزاني داشتند. باشد كه ما ميراثداري آنان را سزاوار باشيم.
منبع : http://blogfa.com
+ نوشته شده در شنبه 24 دی 1398برچسب: , ساعت 11:30 توسط امیر دریس
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